सवाल:
अस्सलामु अलयकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु
क्या सहीह तरीके से नमाज़ न पढ़ना बुरे खातिमे का सबब है?
जवाब:
व अलयकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु
बुरे खातिमे का एक सबब
हज़रते सय्यिदुना इमाम बुखारी عَلَيْهِ رَحْمَةُ اللهِ البارى फरमाते हैं, हज़रते सय्यिदुना हुजैफा बिन यमान رضى الله تعالى عنه ने एक शख्स को देखा जो नमाज़ पढ़ते हुए रुकू और सुजूद पूरे अदा नहीं करता था। तो उस से फरमाया, “तुम ने जो नमाज़ पढ़ी अगर इसी नमाज़ की हालत में इन्तिकाल कर जाओ तो हज़रते सय्यिदुना मुहम्मदे मुस्तफ़ा صَلَّى اللَّهِ تَعَالَى عَلَيْهِ وَ آلِهِ وَسَلَّم के तरीके पर तुम्हारी मौत वाकेअ नहीं होगी ।
(सहीह बुखारी जि. 1 स.112)
सु-नने नसाई की रिवायत में यह भी है कि आप رَضِى الله تعالى عنه ने पूछा, “तुम कब से इस तरह नमाज़ पढ़ रहे हो ?” उस ने कहा, “चालीस साल से।” फ़रमाया, “तुम ने चालीस साल से बिल्कुल नमाज़ ही नहीं पढ़ी और अगर इसी हालत में तुम्हें मौत आ गई तो दीने मुहम्मदी على صاحبها الصلوة والسلام पर नहीं मरोगे।”
(सुनने निसइ जि.2 स.58 दारुल जैल बैरूत)