Tuesday , 3 December 2024

जमा’अत के साथ नमाज़ पढ़ना किया है

सवाल

अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाही व बरकातुह

हज़रत अर्ज़ ये है कि जमा’अत फर्ज़ है या वाजिब

जवाब

वअलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाही व बरकातुह

जमा’अत वाजिब है जमात के साथ एक नमाज़ पढ़ने से 27 नमाज़ों का सवाब मिलता है बगैर उज़्र एक वक्त की नमाज़ छोड़ने वाला गुनहगार है और छोड़ने की आदत डालने वाला फासिक है।

 

jamat ke sath namaz padhna kiya hai

जमा’अत के साथ नमाज़ पढ़ना किया है

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