सवाल
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह व बरकातुहू
हज़रत यह बतायें कया आसतीन चढाये हुये नमाज़ पढ़ने से नमाज़ हो जायेगी या नहीं?
जवाब
वअलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाह व बरकातुहू
नमाज़ में आस्तीन ऊपर को इस तरह चढ़ाना के हाथों की कोहनी खुल जाए नमाज़ मकरूह तहरीमी वाजिवुल यादह होगी, अगर फिर से दोबारा ना पड़ी तो गुनहगार होगा.