Tuesday , 18 February 2025

बहते पानी में गुस्ल करने का तरीका

सवाल:

अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु 

बहते पानी में गुस्ल करने का क्या तरीका है?

जवाब:

व अलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु 

 

बहते पानी म-सलन दरिया, या नहर में नहाया तो थोड़ी देर उस में रुकने से तीन बार धोने, तरतीब और वुजू येह सब सुन्नतें अदा हो गई। इस की भी ज़रूरत नहीं कि आ’ज़ा को तीन बार ह-र-कत दे। अगर तालाब वगैरा ठहरे पानी में नहाया तो आ’जा को तीन बार ह-र-कत देने या जगह बदलने से तस्लीस या’नी तीन बार धोने की सुन्नत अदा हो जाएगी। बरसात में (या नल या फव्वारे के नीचे) खड़ा होना बहते पानी में खड़े होने के हुक्म में है। बहते पानी में वुजू किया तो वोही थोड़ी देर उस में उज़्व(अंग )को रहने देना और ठहरे पानी में ह-र-कत देना तीन बार धोने के काइम मक़ाम है। (बहारे शरीअत, जि. 1, स. 320) वुजू और गुस्ल की इन तमाम सूरतों में कुल्ली करना और नाक में पानी चढ़ाना होगा।

 

bahte pani me gusl karne ka tareeqa

बहते पानी में गुस्ल करने का तरीका

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