सवाल
अस्सलामु अलैकुम
मेरा सवाल है कि वज़ू करने का मसनून तरीक़ा क्या है बयान फरमाएं मेहरबानी होगी
सवाल करने वाला
मोहम्मद अनस अली खान
जवाब
व अलैकुम अस्सलाम
याद रहे कि ग़ुस्ल की तरह वज़ू में भी कुछ चीज़ें फ़र्ज़ हैं जिनको अगर सही तरीक़ा से अदा ना किया गया तो वज़ू नहीं होगा लिहाज़ा उनको तवज्जो से अदा करना ज़रूरी है वो ये हैं
वज़ू के फ़रायज़
1 चेहरा धोना बाल जमने की जगह से थोड़ी के निचे तक और एक कान की लौ (यानि कान और दाढ़ी के बिच में जो खली हिस्सा होता है ) से दूसरे कान की लौ तक
2 दोनों हाँथ कोहोनियों समेत धोना
3 चौथाई सर का मसह करना यानि भीगा हुवा हाथ फेरना
4 दोनों पैर टखनों समेत धोना
इनके इलावा बाक़ी चीज़ें सुन्नत हैं उनके करने से सवाब मिलता है लेकिन अगर अदा न किया वज़ू फिर भी होजायेगा लेकिन सुन्नत के मुआफ़िक नहीं होगा
वज़ू का मसनून तरीक़ा ये है
पहले बिस्मिल्लाह पढ़े या यह दुआ पड़े बिस्मिल्लाहिल अजी़म वलहम्दु लिल्लाही अला दीनियल इस्लाम
फिर मिस्वाक करे अगर मिस्वाक ना हो तो उंगली से दांत मल ले
फिर दोनों हाथों को गटटों तक तीन बार धोये पहले दाहिने हाथ पर पानी डाले फिर बाएं हाथ पर
फिर दाहिने हाथ से तीन बार कुल्ली करे
फिर तीन बार नाक में नरम हड्डी तक पानी चढ़ाए और बाएं हाथ की छोटी उंगली से नाक साफ करे
फिर पूरा चेहरा धुले यानि पेशानी के बाल उगने की जगह से थोड़ी के निचे तक एक कान की लौ से दूसरे कान की लौ तक हर हिस्सा पर तीन तीन पर पानी बहाये
फिर उसके बाद दोनों हाथ कोहनियों समेत तीन तीन बार धुले उंगलियों की तरफ़ से ऊपर की जानिब पानी डाले
फिर एक बार दोनों हाथों से पुरे सर का मसह करे
फिर कानों का और गर्दन का एक बार मसह करे
फिर दोनों पैर टख़नों समेत धुले
(दर्रे मुख़्तार)
वज़ू के बाद यह दुआ पड़े
अल्लाहुम्मा इजअलनी मिनत तव्वाबिन वज अलनी मीनल मुत्ततिहिरिन