सवाल
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह व बरकातुह
वोह क़ाज़ी जो सिर्फ निकाह पढाता है ओर निकाह पढाने में सुन्नी, देवबंदी, वहाबी ओर बद अक़ीदा सब का निकाह पढाता है क्या ऐसे काजी की इकतिदा में नमाज हो सकती है
जवाब
वालेकुम अस्सलाम वा रहमतुल्लाही व बरकतुहू जो कोई जानबूझ कर वहाबी देवबंदी का निकाह पढाता है वह गुमराह बदमज़ब साखत फासिक़ व फाजिर और जालिम है ऐसे की इकतिदा में नमाज नाजायज़ है-