सवाल
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह व बरकातुहू
हज़रत इस की तौज़ीह फरमायें के फर्ज, वित्र, सुन्नते मुकदमा के कायदे ऊला में अत्ताहियात के बाद कुछ पढ सकते है या नहीं?
जवाब
वअलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाह व बरकातुहू
फ़र्ज़, वित्र, सुन्नत मुकीदा के कायदा ऊला में अत्ताहियात के बाद कुछ न पढ़ना वाजिब है हुक्म ये है के अत्ताहियात पुरी करने के बाद फौरन तीसरी रकत के लिए खड़ा हो जाए_
(मोमिन की नमाज़ 83)