Thursday , 21 November 2024

अ-मले कसीर नमाज़ को फ़ासिद कर देता है

सवाल:

अस्सलामु अलयकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु
अ-मले कसीर किसे कहते हैं?

जवाब:

व अलयकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु
अ-मले कसीर की ता ‘रीफ़

 अ-मले कसीर नमाज़ को फ़ासिद कर देता है जब कि न नमाज़ के आ’माल से हो न ही इस्लाहे नमाज़ के लिये किया गया हो। जिस काम के करने वाले को दूर से देखने से ऐसा लगे कि येह नमाज़ में नहीं है बल्कि अगर गुमान भी गालिब हो कि नमाज़ में नहीं तब भी अ-मले कसीर है। और अगर दूर से देखने वाले को शको शुबा है कि नमाज़ में है या नहीं तो अ-मले क़लील है और नमाज़ फ़ासिद न होगी।
(दुर्रे मुख्तार व रद्दु मुहतार जि .2 स. 464)

 

amale kaseer namaz ko fasid kar deta hai

अ-मले कसीर नमाज़ को फ़ासिद कर देता है

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