सवाल
अस्सलामु अलैकुम
मेरा सवाल है कि किसी ने क़ुरबानी के लिए जानवर ख़रीदा लेकिन वह जानवर चोरी होगया या मर गया
अब उसके पास इतना पैसा भी नहीं है कि वह दूसरा जानवर ख़रीद सके
तो अब क्या उसे क़र्ज़ लेकर क़ुरबानी करनी होगी
जवाब इनायत फरमायें
सवाल करने वाला
सदाक़त ख़ान
शाहजहांनपुर
जवाब
वा अलैकुम अस्सलाम
इस सूरत में अगर वह शख़्स फ़क़ीर है तो उस से क़ुरबानी साक़ित होगई यानि अब उस पर
वाजिब नहीं रह गई
लेकिन अगर वह ग़नी यानि अमीर है तो उस पर दूसरा जानवर खरीद कर क़ुरबानी
लेकिन अगर वह ग़नी यानि अमीर है तो उस पर दूसरा जानवर खरीद कर क़ुरबानी
करना वाजिब है
सदरुल शरिया फरमाते हैं
क़ुरबानी का जानवर मर गया तो ग़नी पर वाजिब है कि दूसरे जानवर की क़ुरबानी करे और फ़क़ीर के ज़िम्मा
दूसरा जानवर वाजिब नहीं
और अगर क़ुर्बान का जानवर गुम गया या चोरी होगया और उस की जगह दूसरा जानवर
और अगर क़ुर्बान का जानवर गुम गया या चोरी होगया और उस की जगह दूसरा जानवर
खरीद लिया अब वह मिलगया तो ग़नी को इख़्तियार है जिसे चाहे
क़ुरबानी करदे लेकिन फ़क़ीर पर वाजिब है कि
क़ुरबानी करदे लेकिन फ़क़ीर पर वाजिब है कि
दोनों की क़ुर्बानियाँ करे
(बहरे शरीअत जिल्द 1 हिस्सा 15 )
ऐसा ही दर्रे मुख़्तार में है
अगर (जानवर ) मर जाये तो ग़नी पर दूसरी वाजिब है फ़क़ीर पर नहीं और गुम होजाये या चोरी होजाये तो दूसरा
ख़रीदा और
पहला मिलगया तो ग़नी पर एक ही क़ुरबानी वाजिब है जबकि फ़क़ीर पर दोनों की क़ुरबानी है
पहला मिलगया तो ग़नी पर एक ही क़ुरबानी वाजिब है जबकि फ़क़ीर पर दोनों की क़ुरबानी है
(दर्रे मुख़्तार क़ुरबानी बायान जिल्द 2 सफह 233 )
अगर क़ुरबानी का जानवर मरजए या चोरी होजाये
Agar- Qubani Ka Janwar Marjaye