सवाल:
अस्सलामु अलयकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु
क्या मस्जिद में अज़ान देना ख़िलाफ़े सुन्नत है?
जवाब:
व अलयकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु
मस्जिद में अज़ान देना ख़िलाफ़े सुन्नत है
आज कल अक्सर मस्जिद के अन्दर ही अज़ान देने का रवाज पड़ गया है जो कि खिलाफे सुन्नत है। “आलमगीरी” वगैरा में है
अज़ान खारिजे मस्जिद में कही जाए मस्जिद में अज़ान न कहे।
(आलमगीरी जि.1 स.55)
आ ‘ला हज़रत, इमामे अहले सुन्नत, मुजद्दिदे दीनो मिल्लत, हज़रत अल्लामा मौलाना अहमद रज़ा खान عَلَيْهِ الرحمة फरमाते हैं: एक बार भी साबित नहीं कि हुजूरे अकदस صلى الله تعالٰى عَلَيْهِ وَالِهِ وَسَلَّم ने मस्जिद के अन्दर अज़ान दिलवाई हो। सय्यिदी आ’ला हज़रतرَحْمَةُ اللهِ تَعَالٰى عَليه मजीद फ़रमाते हैं: मस्जिद में अज़ान देनी मस्जिद व दरबारे इलाही की गुस्ताखी व बे अ-दबी है। सेहने मस्जिद के नीचे जहां जूते उतारे जाते हैं वोह जगह खारिजे मस्जिद होती है वहां अज़ान देना बिला तकल्लुफ़ मुताबिक़े सुन्नत है। (फ़्तावा रजविया मुखर्रजा, जि. 5. स. 408, 411, 412) जुमुआ की अज़ाने सानी जो आज कल (खुत्बे से कब्ल) मस्जिद में खतीब के मिम्बर के सामने मस्जिद के अन्दर दी जाती है यह भी खिलाफे सुन्नत है, जुमुआ की अज़ाने सानी भी मस्जिद के बाहर दी जाए मगर मुअज़्ज़िन खतीब के सामने हो।