सवाल
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि वा बरकातुहू
कपड़े धोने की मशीन साइंस ने शुरू की इस में एक साथ बहुत कपड़े धोने की ताक़त होती है इसी बिना पर नापाक और पाक कपड़े एक साथ इस में डाल कर धो लिए जाते हैं और इसी तरह धोबी के यहां भी पाक और नापाक कपड़े साथ मिला दिए जाते हैं फिर उन्हे धोया जाता है मालूम नहीं चलता की पाक हुआ या नहीं तो ऐसी सूरत में क्या मशीन और धोबी के हाथ के कपड़े को पाक माना जाए या नहीं क्या ऐसे कपड़े में नमाज़ जाइज़ है ?
जवाब
वअलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाहि वा बरकातुहू
ओलमाए किराम ने नापाक चीज़ को पाक करने का जो तरीका इरशाद फ़रमाया है उसकी तफसील ये है की अगर नापाकी दिखने वाली है यानी पाखाना , गोबर वगैरा तो उस से तहारत दिखने वाली चीज के खतम हो जाने से हो जायेगी चाहे एक बार धोने से हो या कई बार से।
और अगर नापाकी दिखने वाली नही है तो जिस चीज़ पर लगी है अगर नचोढ़ने के काबिल है तो तीन बार धोए और हर बार नचोड़े इस तरह वह पाक हो जायेगी।
साबित हुआ की मशीन या धोबी के धुले कपड़ो से अगर निजासत यानी नापाकी खत्म हो जाए तो कपड़ा पाक हो जायेगा और ऐसे कपड़े में नमाज़ पढ़ना भी सही होगा और अगर नापाकी दूर नही हुई तो नमाज़ जाइज़ नहीं है।
और अगर निजासत यानी नापाकी दिखने वाली नही है तो कपड़ो को वाशिंग मशीन या उस जैसे किसी छोटे टब वगैरा में धोने की सूरत में तीन बार धोना और नचोड़ना ज़रूरी है ।
और वाशिंग मशीन में पाक करने का तरीका यह भी है के कपड़ों को धोने के बाद मशीन में लगे नीचे का पाइप खोल दें फिर देर तक ऊपर से पानी बहाएं और मशीन चलती रहे यहां तक के यकीन हो जाए के निजासत यानी नापाकी दूर हो गई ।
और यही तफ़सील धोबी के यहां से धुल कर आए हुए कपड़ों में भी है कि अगर निजासत देखने वाली थी और वो दूर हो गई तो पाक है वरना नापाक ।
और अगर निजासत दिखने वाली नहीं थी तो धोबी के धुलने से पाकी का ही हुक्म होगा मगर बेहतर यही है कि पाक करके ही धोबी को कपड़े दिए जाएं
हुजूर सदरउश्शरईअह अलैहिर्रहमह फरमाते हैं बेहतर तो यही है कि पाक करके धोबी को कपड़े दिए जाएं और नापाक कपड़ा दिया तो धुलकर पाक हो जाएगा हो जाएगा मगर जब के दिखने वाली निजासत दूर होने के काबिल थी मगर दूर ना हुई जैसा के अगर खुद भी धोता तो पाक ना होता। वल्लाहु आअलम