Monday , 31 March 2025

Tag Archives: karbala me hazrat qasim ki mehdi ka waqya

तह़ारत के मसाइल

सवाल तह़ारत का क्या मतलब है और इसकी कितनी क़िस्में हैं? जवाब तह़ारत का मतलब यह है कि नमाज़ी का बदन, उसके कपड़े और वह जगह जिस पर नमाज़ पढ़नी है, नजासत से पाक-साफ़ हो।  तह़ारत की दो क़िस्में हैं: {१} तह़ारत-ए सुग़रा {२} तह़ारत-ए कुबरा तह़ारत-ए सुग़रा वुज़ू है …

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मंगेतर से फ़ोन पर बात करना

मंगेतर से फ़ोन पर बात करना निकाह से पहले मंगेतर से ऐसा पर्दा है जैसे अजनबी औरत से, इस से फ़ोन पर बात करना या दोनों का आपस में बेतकल्लुफ़ होकर बातें करना और इकठ्ठे आना-जाना नाजायज़ व हराम है। ये सब मगरबी तहज़ीब व तमद्दुन और अग़्यार की बेहयाई …

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ज़मीन पर बिला हाइल सजदा करना कैसा है?

सवाल अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह बरकातुह हजरत साहब किबला यह बतायें के ज़मीन पर बिला हाइल सजदा करना कैसा है? जवाब व अलैकुम अस्सलाम व  रहमतुल्लाह व बरकातुह सजदा ज़मीन पर बिला हाइल करना मुस्तहब है यानि मुसल्ला या कपड़े पर नमाज पढ़ने से ज़मीन पर नमाज़ पढ़ना मुस्तहब व …

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क्या नमाज ए फजर कजा पढ़ने वाले की इकतिदा में नमाज हो जायेगी

सवाल अस्सलामु अलेकुम व रहमतुल्लाही वा बाराकतुह हजरत यह बताएं वोह शख्स जो नमाजे फजर नहीं पड़ता है दीगर नमाज पढ़ता है जब उस्से कहा जाता है की आप फजर की भी पढ़ा कीजिए तो उसका यह बहाना होता है की गुर्दा खराब है मैं काजा पढ़ लेता हूं क्या …

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नमाज में आंखें बंद रखना कैसा है?

अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह व बरकातुह हजरत की बारगाह में अरज है के नमाज में आंखें बंद रखना कैसा है? मकरूह है या नहीं वालैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाह व बरकातुह नमाज में आंखें बंद रखना मकरूह है लेकिन अगर आंखें खुली रखने मैं खुशुअ ना होता हो और इधर-उधर तवज्जा …

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अज़ान के मु-तअल्लिक कुफ्रिया कलिमात

सवाल: अस्सलामु अलयकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु  अज़ान के मु-तअल्लिक कुफ्रिया कलिमात क्या हैं ? जवाब: व अलयकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु  अज़ान के मु-तअल्लिक कुफ्रिया कलिमात की 8 मिसालें: (1) जो अज़ान का मज़ाक उड़ाए वोह काफिर है। (फ़्तावा र-ज़विय्या, जि. 5, स. 102) (2) अज़ान की तहकीर …

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हालते नमाज़ में कपड़ा समेटना कैसा है?

सवाल अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह व बरकातुहू कपड़ा समेटना मिसाल के तोर पर सजदा में जाते वक़्त आगे या पिछे से दामन या दोसरा कोई कपड़ा उठाना कैसा है? जवाब व अलैकुम लैकुम अस्सलाम वा रहमतुल्लाह व बरकातुहू कपड़ा समेटना मिसाल के तोर पर सजदा में जाते वक़्त आगे या …

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कुरान शरीफ पढ़ते वक्त सिर्फ होंठ हिलना और आवाज न निकालना कैसा है?

सवाल अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाही वा बरकातुहू कुरान पढ़ने में सिर्फ होंठ हिलाना और आवाज ना निकालना कैसा है? जवाब कुछ लोग कुरान की तिलावत,और नमाज,या नमाज के बाहर कुछ पढ़ते हैं तो सिर्फ होंठ हिलाते हैं और आवाज बिल्कुल नहीं निकालते, तो उनका ऐसा पढ़ना दुरुस्त नहीं, और इस …

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नापाकी की हालत में दुरूद शरीफ़ पढ़ना कैसा

सवाल: अस्सलामु अलयकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु  नापाकी की हालत में दुरूद शरीफ़ पढ़ना कैसा? जवाब: व अलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु   जिन पर गुस्ल फ़र्ज़ हो उन को दुरूद शरीफ और दुआएं पढ़ने में हरज नहीं। मगर बेहतर येह है कि वुज़ू या कुल्ली कर के पढ़ें । …

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कब कब गुस्ल करना सुन्नत है?

सवाल: अस्सलामु अलयकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु कब कब गुस्ल करना सुन्नत है? जवाब : व अलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु  जुमुआ, ईदुल फ़ित्र, बकर ईद, अ-रफे के दिन (या’नी 9 जुल हिज्जतिल हराम) और एहराम बांधते वक़्त नहाना सुन्नत है। (फतावा आलमगीरी जि. 1 स. 16)   kab …

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