सवाल
अस्सलामु अलेकुम व रहमतुल्लाही वा बाराकतुह
हजरत यह बताएं वोह शख्स जो नमाजे फजर नहीं पड़ता है दीगर नमाज पढ़ता है जब उस्से कहा जाता है की आप फजर की भी पढ़ा कीजिए तो उसका यह बहाना होता है की गुर्दा खराब है मैं काजा पढ़ लेता हूं क्या मुसलसल नमाज ए फजर कजा पढ़ने वाले की इकतिदा में नमाज होगी या नहीं?
जवाब
वालेकुम अस्सलाम वा रहमतुल्लाही व बरकातुह
जो शख्स कासदन एक वक्त की नमाज छोड़ दे वह फसिक है,बहारे शरीयत में है और जो कसदन छोड़ दे अगरचे ऐक ही वक्त की वह फासिक है जब एक वक्त की नमाज कसदन बिला बजहे शरई छोड़ने वाला फासिक है तो जो तरीके नमाज का आदी हो वह बा दरजाए ओला फासिक फाजिर मुजरिमों गुनहगार और मुसतहक गजबे जब्बार है उसे इमाम बनना नाजायज है और उसकी इकतिदा में पढ़ी गई नमाज मकरुह तेहरीमी है जिसका लौटना बाजीब है!