Tuesday , 18 February 2025

नमाज़ में रोना कैसा है?

सवाल:

अस्सलामु अलयकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु 

नमाज़ में रोना कैसा है?

जवाब:

व अलयकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु 

नमाज़ में रोना:

-दर्द या मुसीबत की वज्ह से येह अल्फ़ाज़ “आह”, “ऊह”, “उफ़”, “तुफ़” निकल गए या आवाज़ से रोने में हर्फ पैदा हो गए नमाज़ फ़ासिद हो गई। अगर रोने में सिर्फ आंसू निकले आवाज़ व हुरूफ़ नहीं निकले तो हरज नहीं । (आलमगीरी जि.1स.101)

अगर नमाज़ में इमाम के पढ़ने की आवाज़ पर रोने लगा और “अरे”, “नअम”, “हां” ज़बान से जारी हो गया तो कोई हरज नहीं कि येह खुशूअ के बाइस है और अगर इमाम की खुश इल्हानी के सबब येह अल्फ़ाज़ कहे तो नमाज़ टूट गई।

(दुर्रे मुख्तार, रद्दु मुहतार जि.2स.456)

 

नमाज़ में रोना कैसा है?

namaz me rona kaisa hai

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