सवाल अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह व बरकातुहू क्या बगैर किसी सबब के नियत तोड़ सकता हे यानी नमाज़ शुरू करने के बाद बगैर किसी वजहे शरई के नमाज़ तोड़ देना कैसा है? जवाब वअलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाह व बरकातुहू बे सबब नियत तोड़ देना यानी नमाज़ शुरू करने के बाद …
Read More »नमाज़ के मसाइल
काम वाले कपड़ों में नमाज़ का हुक्म
सवाल अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह व बरकातुहू हज़रत यह बतायें के काम काज के कपडों से नमाज़ पढ़ना कैसा है? जवाब वालैकुम अस्सलाम वा रहमतुल्लाह व बरकातुहू काम काज के कपड़ों से नमाज़ पढ़ना मकरूह तनज़िही है जब के उस के पास दूसरे कपड़े मौजूद हो वरना उसी कपड़ों में …
Read More »चोरी का कपड़ा पहनकर नमाज़ पड़ना कैसा ?
सवाल अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह व बरकातुहू हज़रत की बारगाह मे अर्ज़ हे के चोरी का कपड़ा पेहनकर नमाज़ पढना कैसा है? जवाब वालैकुम अस्सलाम वा रहमतुल्लाह व बरकातुहू चोरी का कपड़ा पेहनकर नमाज़ पढ़ने से नमाज़ मकरूह तेहरीमी वाजिबुल इयादा होगी! chori ka kapda pahankar namaz padhna kaisa …
Read More »मस्जिद में कुर्सियां कहां रखी जायें
सवाल अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह व बरकातुहू मस्जिद में दौराने जमाअत कुर्सियां कहां रखनी चाहिएं ? जवाब वा अलैकुम अस्सलाम वा रहमतुल्लाह व बरकातुहू कुर्सियां सफ़ के किनारों पर रखी जाएं, सफ़ के दरमियान रखने की वजह से बिला वजह नमाजि़यों को वहशत होगी, सफ़ दुरुस्त करने में …
Read More »कुरसी पर बैठ कर नमाज़ पढ़ने का क्या हुक्म है ?
सवाल अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू कुरसी पर बैठ कर नमाज़ पढ़ने का क्या हुक्म है ? आज कल मसाजिद में इस का बहुत रिवाज हो गया है लिहाज़ा वजा़हत के साथ इस का जवाब दें ताकि अवामुन्नास को इस हवाले से शर-ई रहनुमाई हासिल हो जाए, नीज़ कुरसी …
Read More »औरतों की नमाज़ का मुकम्मल मसनून तरीक़ा
सवाल अस्सलामु अलैकुम औरत की नमाज़ पढ़ने का मसनून तरीक़ा मुकम्मल वज़ाहत के साथ बयान फ़रमादें जवाब व अलैकुम अस्सलाम औरतों की नमाज़ पढ़ने का सुन्नत तरीक़ा यह है कि अच्छी तरह वज़ू करके क़िब्ला रुख खड़ी हो और नमाज़ की नियत करके अल्लाह हू अकबर कहें और अल्लाह हू …
Read More »नमाज़ पढ़ने का सही तरीक़ा Namaz Padne ka Sahi Tariqa
सवाल अस्सलामु अलैकुम मेरा सवाल है कि नमाज़ पढ़ने का सही तरीक़ा क्या है सवाल करने वाला मोहम्मद आरिफ़ जवाब व अलैकुम अस्सलाम नमाज़ पढ़ने का तरीक़ा : यह है कि बावुज़ू क़ि ब्ला – रू दोनों पाँव के पंजो में चार उंगल का फासला करके खड़ा हो और …
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