सवाल
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह व बरकातुह
अगर नमाजी नमाज में इतनी पस्त आवाज से हंसा की उसने खुद सुना और करीब वाला नहीं सुन सका तो क्या नमाज फासिद होगी या नहीं?
जवाब
व अलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाही व बरकातुह
अगर नमाजी नमाज में इतनी पस्त आवाज से हंसा के खुद सुना और करीब वाला नहीं सुन सका तो भी नमाज फासिद होगी अल्बत्ता इस सूरत में वुजू नहीं टूटेगा।