सवाल
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू
देखा गया हे के हिंदुस्तान के मुशरिकी़न क़्यामत के इनकार करने वाले है मगर सदका वा खैरात बहुत करते हैं तो यह कैसे कहा जा सकता के मुनकिरीने क़्यामत नेकियां नहीं करते
जवाब
व अलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू
हां करते हैं मगर आखिरत के सवाब के लिए नहीं, बल्कि शोहरत के लिए करते हैं, खिदमते ख़लक़ वा मुलक के लिए करते हैं लिहाज़ा उनका यह सब कुछ करना कुछ भी ना करना हे करना तो वोह क़बूल है जो रब को राज़ी करने के लिए किया जाये ना के सब को राज़ी करने के लिए – आमाल कि क़बूलियत के लिए ईमान पहली शर्त है ओर कोई भी ईमान वाला उस वक़्त तक नहीं हो सकता जब तक के अल्लाह की वहदानियत ओर अल्लाह के रसूल की रिसालत को सच्चे दिल से तसदीक़ ज़बान से इक़रार ओर दिल से मान ना