सवाल
असस्लामु अलैकुम वा रहमतुल्लाह व बरकातुहू
हज़रत मेरा सवाल ये है कि अगर कोई शख्स मालिके निसाब है, उसके घर वाले भी कमाते हों और वो भी कमाता हो और खेती वगैरह भी हो तो क्या वो ज़कात और फितरे का पैसा ले सकते हैं?
और अगर किसी ऐसे शख्स ने ले लिया है तो उसके लिए क्या हुक्म है?
जवाब
वालैकुम अस्सलाम वा रहमतुल्लाह व बरकातुहू
अगर कोई शख़्स साहिबे निसाब है उसके लिए ज़कात लेना जाइज़ नहीं और देने वाले के लिए देना भी जाइज़ नहीं मगर कुछ सूरतों में मालिक निसाब होते हुए भी बक़द्रे ज़रूरत ज़कात लेने की छूट है जैसे कोई सफ़र में हो, और ज़ादे राह ख़त्म हो गया और वसाइल से डिस्कनेक्ट हो गया या इतना क़र्ज़ उस पर है कि अदा करने पर निसाब नहीं बचता है,
लिहाज़ा अगर जानते हुए मालिके निसाब को ज़कात देगा तो उसकी ज़कात अदा नहीं होगी,
और मालिक निसाब के लिए लेना जाइज़ नहीं है, लेगा तो नाहक़ लेगा!