सवाल
अस्सलामु अलैकुम वरह्मतुल्लाहि अलैह व बर्कातुहु .,
सवाल है कि हज़्ररत बू अली शाह क़लंदर को “बू अली” किस लिये कहा जाता है ?
जवाब
वअलैकुम अस्सलाम वरह्मतुल्लाहि अलैह व बर्कातुहु
हज़रत सय्यद शरफुद्दीन अल्मारूफ़ हज़रत बू अली क़लन्दर रहमतुल्लाहि अलैह को सिलसिला ए कलंदरी में बुलंद मक़ाम हासिल है आप रहमतुल्लाहि अलैह अपने नाम शरफुद्दीन की बजाए अपने लक़ब बू अली से मशहूर हुए ! आप रहमतुल्लाहि अलैह के लक़ब बू अली की वजह तस्मिया सीरत की किताबों में मुख्तलिफ मज़कूर हुई हैं मिसाल में दो वाक़ियात पेश किये जा रहे हैं ! जिनका तज़किरा सीरत की किताबों में किया गया है और आम तौर पर यही दो वाक़ियात आप अलैहिर्रहमह के लक़ब ;बू अली; की वजह तस्मिया बयान किये जाते हैं !
सीरत की किताबों में बयां किया जाता है की आप रहमतुल्लाहि अलैह बारह 12 वर्ष तक दरिया में खड़े रहे यहाँ तक की आप रहमतुल्लाहि अलैह के जिस्म मुबारक का गोश्त मछलियां खा गयीं और आप रहमतुल्लाहि अलैह को उसकी बिल्कुल खबर न हुई उस दौरान आप रहमतुल्लाहि अलैह को ग़ैब से निदा होती रही ऐ शरफुद्दीन मांग क्या मांगता है;
आप रहमतुल्लाहि अलैह एक ही जवाब देते हैं ऐ मेरे अल्लाह मुझे अली बना दे गैब से जवाब आता है। .नहीं, तुझे कैसे अली बनाया जा सकता है क्यू की अली तो एक ही है सीरत की किताबों में लिखा है की आप रहमतुल्लाहि अलैह इस हालत में बारह 12 साल तक दरिया में खड़े रहे आखिर कार गैब से निदा हुई ऐ शरफुद्दीन अपनी ज़िद से बाज़ आ जा और कुछ मांग ले आप रहमतुल्लाहि अलैह ने फ़रमाया मैं भला और कुछ क्यू मांगू मुझे तो बस अली बना दे गैब से निदा आई अच्छा तो ऐसा करते हैं की तुझे अली की बू अता कर देते हैं फिर आप रहमतुल्लाहि अलैह को हज़रत अली मुर्तज़ा रदिअल्लाहु तआला अन्हु की बू अता फरमा दी गयी इस लिए आप रहमतुल्लाहि अलैह को बू अली क़लन्दर कहा जाता है!
रिवायतों से मालूम होता है की आप रहमतुल्लाहि अलैह के पास से हज़रत अली रदिअल्लाहु तआला अन्हु की खुशबू आती थी इसी खुशबु की बजह से धीरे धीरे सब लोगों ने आप रहमतुल्लाहि अलैह को बू अली कहना शुरू कर दिया आप रहमतुल्लाहि अलैह के असल नाम से ज़ियादा मशहूर हुआ!
एक और रिवायत में बयां होता है की आप रहमतुल्लाहि अलैह बारह 12 साल तक दरिया में खड़े रहे इस दौरान आप रहमतुल्लाहि अलैह के जिस्म मुबारक का गोश्त मछलियाँ खा गयीं मगर आप रहमतुल्लाहि अलैह बदस्तूर खड़े रहे बारह 12 वर्ष के बाद ग़ैब से आवाज़ आई हम ने तेरी इबादत व इताअत क़बूल कर ली जो मांगना है अब मांग ले. आप रहमतुल्लाहि अलैह ने अर्ज़ की, मेरे खुदा तुझ से तुझी को मांगता हूँ मैं यहीं खड़ा खड़ा जान दे दूंगा और तेरी मोहब्बत में ही दम तोड़ दूंगा ग़ैब से आवाज़ आयी पानी से बाहर निकल आ हमें तुझ से बहुत काम लेने हैं आप रहमतुल्लाहि अलैह ने अर्ज़ किया मैं खुद तो नहीं निकलूंगा उसी वक़्त एक बुज़ुर्ग ने गोद में उठा कर किनारे पर खड़ा कर दिया आप रहमतुल्लाहि अलैह ने झुँझला कर कहा ऐ शख्स तू कौन है जिसने मेरी बारह 12 साल की मेहनत ख़राब कर दी मै मंज़िले मक़सूद पर पहुंचने वाला था उनहोंने फ़रमाया ऐ शरफुद्दीन मै अली बिन अबी तालिब हूँ देख ले आप रहमतुल्लाहि अलैह फौरन क़दमों में गिर पड़े और हज़रत अली मुर्तज़ा रदिअल्लहु तआला अन्हु ने आप रहमतुल्लाहि अलैह को नेअमते बातिनी से मालामाल कर दिया जिस पर तमाम दीनी व दुनयाबी उलूम रोशन हो गए और दुनिया और जो कुछ दुनिया में है उस से गाफिल और मस्त हो गए उसी रोज़ से आप रहमतुल्लाहि अलैह को बू अली कहा जाने लगा! ( वल्लाहु आलम)
bu ali shah qalandar ki wajah tasmiya
बू अली शाह क़लंदर की वजह तस्मिया