सवाल
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह व बरकातुहू
क्या बगैर किसी सबब के नियत तोड़ सकता हे यानी नमाज़ शुरू करने के बाद बगैर किसी वजहे शरई के नमाज़ तोड़ देना कैसा है?
जवाब
वअलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाह व बरकातुहू
बे सबब नियत तोड़ देना यानी नमाज़ शुरू करने के बाद बगैर किसी वजहे शरई के नमाज़ तोड़ देना हराम है।
be sabab niyat tod dene ka hukm
बे सबब नियत तोड़ देने का हुक्म