सवाल
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह व बरकातुहू
कुरान में है कि अल्लाह ज़ालिमों को हिदायत नहीं देता है, बल्कि कुरान पाक और पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) सारे जहानों के लिए हिदायत हैं तो क्या कुफ्फार व मुशरिकीन जहानों से अलग हैं
जवाब
वालैकुम अस्सलाम वा रहमतुल्लाह व बरकातुहू
हिदायत का मतलब होता है रास्ता दिखाना, यह सभी के लिए है, लेकिन हिदायत का मतलब क़बूल की तोफीक़ देना, मंजिल तक पहुंचाना किसी नसीब वाले को मुयस्सर है कुरान और हदीस का हिदायत देना आम है
हां, लेकिन हिदायत लेना आम बात नहीं है, यह अल्लाह की तोफीक़ से है।