Thursday , 21 November 2024

कुरान शरीफ पढ़ते वक्त सिर्फ होंठ हिलना और आवाज न निकालना कैसा है?

सवाल

अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाही वा बरकातुहू

कुरान पढ़ने में सिर्फ होंठ हिलाना और आवाज ना निकालना कैसा है?

जवाब

कुछ लोग कुरान की तिलावत,और नमाज,या नमाज के बाहर कुछ पढ़ते हैं तो सिर्फ होंठ हिलाते हैं और आवाज बिल्कुल नहीं निकालते, तो उनका ऐसा पढ़ना दुरुस्त नहीं, और इस तरह पढ़ने से नमाज नहीं होगी, और इस तरह कुरान की तिलावत की तो पढ़ने का  सवाब भी ना मिलेगा,आहिस्ता पढ़ने का मतलब यह है के खुद सुन ले, सिर्फ होंठ का हिलना और आवाज बिल्कुल ना निकलना पढ़ना नहीं है।

 

quran shareef padhne me sirf hoth hilana aawaz na nikalna kaisa

कुरान शरीफ पढ़ते वक्त सिर्फ होंठ हिलना और आवाज न निकालना कैसा है?

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