सवाल:
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु
इमाम बाड़ा और उसका हुक्म?
जवाब:
वअलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु
जहाँ ताजिए को रखते हैं उस इमारत को इमाम बाड़ा कहते हैं यह इमाम बाडा बनाना और उनकी ताज़ीम करना यह सब राफज़ी और शीआ फिर्का की देन है इमाम बाड़े की कोई शरई हैसियत नहीं उनकी जमीनें किसी बाल बच्चेदार के घर गरीब मुसलमान को दे दी जाएं और उसका सवाब हजरत इमाम आली मकाम की रूह पाक को ईसाल कर दिया जाए तो यह एक इस्लामी काम होगा या वहाँ ज़रूरत हो तो मस्जिद बना दी जाएं या मुसलमानों के लिए कब्रिस्तान यो मुसाफिर खाना वगैरह जिस से कौम को नफ़ा पहुंचे तो निहायत उम्दा बात है।
आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खाँ बरैलवी फरमाते हैं।
इमाम बाड़ा वक़्फ़ नहीं हो सकता वह जिस ने बनाया वह उसी की मिल्क है जो चाहे करे वह न रहा तो उसके वारिसों की मिल्क है उन्हें अख्तियार है।
(फतावा रज़्वीया जिल्द 16, सफः 121)