मंगेतर से फ़ोन पर बात करना
निकाह से पहले मंगेतर से ऐसा पर्दा है जैसे अजनबी औरत से, इस से फ़ोन पर बात करना या दोनों का आपस में बेतकल्लुफ़ होकर बातें करना और इकठ्ठे आना-जाना नाजायज़ व हराम है। ये सब मगरबी तहज़ीब व तमद्दुन और अग़्यार की बेहयाई है, इस्लाम में इस की कोई गुंजाइश नहीं है।
रसूलुल्लाह ﷺ ने इरशाद फ़रमाया:
“कोई शख़्स किसी औरत से ख़लवत (तनहाई) नहीं करता मगर उन दोनों के दरमियान तीसरा शैतान होता है।”
(सुनन तिर्मिज़ी, ज1, स122)
मुफ़्ती वक़ारुद्दीन क़ादरी रह़मतुल्लाह अलैह लिखते हैं:
“निकाह से पहले लड़का और लड़की एक-दूसरे के लिए अजनबी और नामहरम हैं।”
(वक़ारुल फ़तावा, ज3, स134)
Phone Par Mangetar Se Bat Karna